@zomato VS # I Support Amit
आपने भी कभी किसी का धर्म पूछकर उसके हाथ का खाना खाया है क्या ?
अगर आप खाने के शौकीन हैं,और खास तौर पर किसी का धर्म पूछकर उसके हाथ का खाना खातें हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत ही महत्पूर्ण है,क्योंकि जोमैटो इंडिया ने एक ऐसा ट्वीट कर दिया है जिससे आपका मन थोड़ा-सा विचलित हो सकता है। दरसरल मामला यह है कि अमित शुक्ला नाम के एक व्यक्ति ने ज़ोमैटों से खाना ऑर्डर किया, जिसके बाद खाने की डिलिवरी की जिम्मेदारी एक फैयाज नाम के डिलिवरी बॉय को दि गई, लेकिन अमित को फैयाज का धर्म पसंद नही आया और अमित ने ज़ोमैटों से अपना डिलिवरी बॉय बदलने की बात कही पर ज़ोमैटों ने इससे साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद अमित ने अपना आर्डर कैंसिल कर दिया और पैसे वापस करने को कहा लेकिन ज़ोमैटों ने इससे भी साफ इंकार कर दिया।
ज़ोमैटों ने जब पैसे वापस करने से मना कर दिया तो इससे अमित खासा नाराज हो गए और ट्वीटर पर जाकर ज़ोमैटों इंडिया को ट्वीट कर दिया,उन्होने अपने ट्वीट में लिखा "ज़ोमैटो से एक ऑर्डर कैंसिल किया है,क्योंकि इन लोगाों ने मेरा खाना एक गैर हिंदू डिलिवरी बॉय से भिजवाया है.उन्होंने कहा कि वो मेरा डिलिवरी बॉय नहीं बदलेंगे और ना ही मेरे पैसा मुझे लौटाएँगे.मैने कहा कि आप जबरदस्ती नहीं कर सकते.बस मेरा ऑर्डर कैंसिल करिए."।
अमित के इस ट्वीट के बाद जोमैटो इंडिया ने भी जवाब देते हुए लिखा की "खाने का कोई मजहब नही होता,खाना खुद ही मजहब है"। ज़ोमैटो का यह ट्वीट अब खूब चर्चाओं में है,यह अब #Zomato से ट्रंड कर रहा है।
इस ट्वीट के बाद बहुत से लोगों ने ज़ोमैटो को धन्यवाद कहा और उनके पक्ष में ट्वीटर पर लिखा शुरु कर दिया पर इसके साथ ही कुछ ऐसे भी लोग सामने आय जिन्होने ज़ोमैटो के इस ट्वीट से काफी नाराजगी भी जताई और उन्होंने आगे से ज़ोमौटो सें खाना ना ऑर्डर करने की बात कही। जब यह विवाद सोशल मिडिया पर और आगे बढ़ा तो ऐसे में एक ट्वीट ज़ोमैटों के फॉउडर का भी आया जिसमे उन्होंने लिखा " हमें अपने भारत के विचारों पर गर्व है- और हमारे सम्मानित ग्राहको और भागीदारों की विविधता.अपने उसूलों पर चलते हुए अगर हमे कोई नुकसान होता है तो हमें इसका कोई अफसोस नही हैं"।
दीपेंद्र गोयल के इस ट्वीट से साफ दिखता है कि दीपेंद्र किसी जाति या धर्म वाली व्यवस्था में विश्वास नहीं रखते होंगे,यदि रखते तो शायद अपना नुकसान कराने की बात ना लिखते। आप इस व्यवस्था में कितना विश्वास रखते हैं यह आप पर निर्भर करता है पर आपको इस बात पर विचार जरुर करना होगा कि जिस नये हिंदुस्तान की आज हम बात कर रहे है क्या उसमें इस तरह की विचारधारा की अवाश्कता है ?





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