NRC में नाम नहीं होने पर अपना पक्ष रख पाएंगे नागरिक:अमित शाह
एनआरसी पर केंद्र सरकार की हु समीक्षा बैठक
गृहमंत्री अमित
शाह ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम प्रकाशन से संबंधित
मुद्दों की समीक्षा बैठक की है। इस समीक्षा बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री
सर्वानंद सोनोवाल, केंद्रीय गृह
सचिव, असम के प्रमुख
शासन सचिव और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। गृहमंत्री ने एनआरसी में जिन लोगों के
नाम मौजूद नहीं हैं, उनके लिए राहत
की बात कही है। उन्होंने कहा है कि सरकार उनके दोबारा अपील करने के लिए पर्याप्त
व्यवस्था करेगी। शाह ने कहा कि हर एक व्यक्ति,
जिसका नाम एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल नहीं है, वे विदेशी ट्रिब्यूनल के
समक्ष अपना पक्ष रख सकते हैं। इससे पहले एनआरसी
को दोबारा कराने की केंद्र सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था, एनआरसी सूची से बाहर रखे गए लोगों के नाम 31 अगस्त को ऑनलाइन प्रकाशित करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था इससे पहले
यह तारीख 31 जुलाई थी जिसे सरकार की गुजारिश के बाद
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के
दिशा-निर्देश के अनुसार असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) को 31 अगस्त को
प्रकाशित किया जाएगा। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि केंद्र सरकार
कानून के अंतर्गत सही-गलत नामों को जोड़े जाने और नाम हटाए जाने को लेकर
सुधारात्मक उपायों पर विचार कर सकती है। सोमवार को सोनोवाल ने सभी विकल्पों की ओर
ध्यान दिलाया। जिसमें विधायी क्षेत्र भी शामिल है। जिसके जरिए एनआरसी में भारतीय नागरिकों
के नाम गलत तरीके से हटाने और विदेशी नागरिकों के नाम गलत तरीके से शामिल करने से
निपटा जा सकता है।
कहानी वो जहां से NRC का किस्सा शुरु हुआ
हालांकि ऐसे सुधारात्मक उपाय पर फैसला एनआरसी प्रकाशित होने के बाद लिया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि गलत तरीके से नाम जोड़ने या हटाने को लेकर कोई कानूनी कदम उठाए जाएंगे तो सोनोवाल ने कहा, 'एक बार 31 अगस्त को एनआरसी प्रकाशित हो जाए तो लोकतंत्र होने के नाते हमारे पास ऐसा करने का अधिकार है। एनआरसी प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा सकते हैं। यदि भविष्य में सुधारात्मक कदम की आवश्यकता पड़ती है तो हम उसके बारे में जरूर विचार करेंगे।'



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