UP News: राज्यमंत्री दिनेश खटीक का अधिकारियों पर बड़ा आरोप, दलित होने के कारण कोई सुनवाई नहीं, अमित शाह को पत्र लिख पद से दिया इस्तीफा
पत्र में खटीक ने अमित शाह से क्या
कहा है
दिनेश खटीक ने पत्र में अमित शाह
को लिखा है कि विभाग के प्रमुख सचिव उनकी पूरी बात सुने बिना ही उनका फोन काट देते
है और साथ ही परियोजना में भी जमकर खटोला किया जा रहा है. अधिकारियों के दबादले
में भी भ्रष्टाचार हो रहा है. दिनेश खटीक ने अधिकारियों पर एक गंभीर आरोप भी लगाया
कि उनके दलित होने कारण ऐसा उनके साथ किया जा रहा हैं.
दलित होने के कारण अधिकारी मेरी
बात नहीं सुनते
दिनेश खटीक ने अपने पत्र में लिखा
है कि प्रधानमंत्री जी ने 2014 में दलित और पिछड़ों को साथ लेकर चलने कि बात कही
थी जिसके कारण भाजपा सरकार का गठन हुआ था. इस कारण मुझे जलशक्ति विभाग में
राज्यमंत्री बनाया गया था. जिसके कारण पूरा दलित और पिछड़ा समाज उत्साहित है.
परन्तु जलशक्ति विभाग में मेरे दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी
भी आदेश पर कोई कार्यवाही नही कि जाती है और साथ ही मुझे किसी भी बैठक की सूचना
नहीं दी जाती है.
विभाग में दबादले और परियोजनाओं
में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है
विभाग में कौन-सी परियोजना चल रही
है उसपर क्या कार्यवाही हो रही है इस सम्बंधित किसी भी तरह कोई जानकारी इसीलिए
मंत्री होने के बावजूद नहीं है. अधिकारी मंत्री को केवल गाड़ी उपलब्ध करा देना ही राज्य
मंत्री का अधिकार समझते हैं. विभाग में दबादले को लेकर भ्रष्टाचार का मामला मेरे
संज्ञान में आया था जिसकी जानकारी मैने अधिकारियों से मांगी थी लेकिन अभी तक मुझे
उससे सम्बंधिक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है. इसकी जानकारी मैने जब प्रमुख
सचिव अनिल गर्ग को देना चाहा तो उन्होने मेरी पूरी बात सुने बिना ही मेरा फोन काट
दिया.
खटीक आगे लिखते हैं कि मुझे मंत्री
तो मना दिया गया लेकिन मुझे कोई अधिकार नहीं दिया गया. जिसके कारण कोई भी अधिकारी
मेरी बात नहीं सुनता है. यह एक जनप्रतिनिधि का अपमान है. मै एक दलित मंत्री हूँ
इसलिए मेरे साध ऐसा भेदभाव किया जा रहा है. मेरे द्वारा लिखे किसी भी पत्र का जवाब
नहीं दिया जाता है और न ही कोई कार्यवाही कि जाती है.
जब विभाग में दलित समाज के मंत्री
का कोई अस्तित्व नहीं है तो ऐसे में दलित मंत्री होकर दलित समाज के लिए काम करना
बेकार है. इन सब बाते से आहत होकर मैं अपने पद से त्यागपत्र दे रहा हूँ.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार पर
कसा तंज
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव ने दो ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है. पहल् ट्वीट में अखिले ने लिखा
“जहाँ मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु
दलित होने का अपमान मिले…
ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने
समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है।
कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।“
जहाँ मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2022
कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।
दूसरे ट्वीट में
अखिलेश यादव ने लिखा
“उप्र भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार और कुशासन
की क्रॉनॉलॉजी समझिए:
- पहले
लोक निर्माण विभाग के मंत्रालय में विद्रोह
- फिर
स्वास्थ्य मंत्रालय में विद्रोह
- अब
जल शक्ति मंत्रालय में विद्रोह
जनता पूछ रही है,
उप्र की भाजपा सरकार ईमानदारी से बताए…
अब अगली बारी किसकी है?”
उप्र भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार और कुशासन की क्रॉनॉलॉजी समझिए:
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2022
- पहले लोक निर्माण विभाग के मंत्रालय में विद्रोह
- फिर स्वास्थ्य मंत्रालय में विद्रोह
- अब जल शक्ति मंत्रालय में विद्रोह
जनता पूछ रही है, उप्र की भाजपा सरकार ईमानदारी से बताए… अब अगली बारी किसकी है?
पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग में
भी दबादले को लेकर भ्रष्टाचार की बात सामने आई थी जिसके बाद मंत्री जतिन प्रसाद ने
कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों का दबादला कर दिया था. हालांकि खटीक इस्तीफा अभी
स्वीकार नहीं किया गया है और इसी बीच बताया जा रहा है कि सीएम योगी उनसे मिल सकते
हैं. खटीक उत्तरप्रदेश के मेरठ जिले की हस्तिनापुर विधानसभा से विधायक है. 2017 से
भाजपा से जुड़े हैं.
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