SIT की रिपोर्ट: कांग्रेस ने रची PM मोदी को बदनाम करने की साजिश, कांग्रेस ने भी किया पलटवार, पढ़िए क्या है पूरा मामला


Politics on Gujrat Riots: समाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (teesta setalvad) के खिलाफ SIT ने अपने हलफनामे में बड़ा खिलासा किया है. आपको बता दें कि एसआईटी (SIT) के हलफनामें में सीतलवाड़, सेवानिवृत्त डीजीपी आरबी श्रीकुमार (R.B Srikumar) और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट (Sanjeev Bhatt) ने 2002 के दंगों में सरकार को अस्थिर करने के लिए सबूतों को गढ़ने और साजिश करने का आरोप है. फिलहाल तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 15 जुलाई को तीस्ता सीतलवाड़ (teesta setalvad) की ज़मानत याचिका के खिलाफ दाखिल एसआईटी (SIT) की एफिडेविट में बड़ा खुलासा हुआ है।

क्या है एसआईटी की रिपोर्ट में दावा

एसआईटी के अधिकारी बी सी सोलंकी (B.C. Solanki) ने शुक्रवार को अहमदाबाद में सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट में एक एफिडेविट फाइल किया. जिसमें कहा जा रहा है कि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के सलाहकार और दिवंगत कांग्रेस के नेता रहे अहमद पटेल (Ahmed Patel) के कहने पर यह सब हुआ है. हलफनामें में यह भी कहा गया है कि तीस्ता ने इसके लिए अहमद पटेल से दो बार पैसे भी लिए थे. एक बार 5 लाख और दूसरी बार दिल्ली में शाहीबाग में सरकारी सर्किट हाउस पर 25 लाख रुपय दिए गए थे. एसआईटी ने कहा है यह पैसे राहत बचाव के लिए नहीं दिए गए थे.

एसआईटी ने तीस्ता सीतलवाड़ (teesta setalvad) की जमानत को ठीक ना मानते हुए इस का विरोध किया है और एफिडेविट में दावा किया है कि तीस्ता के ज़रिए गुजरात और गुजरात के तत्तकालिक मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को बदनाम करने कि कोशिश कि गई थी.

बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को घेरा

बीजेपी ने इसको लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है जिसमें बीजेपी का कहना है कि एसआईटी की यह रिपोर्ट बहुत सारे चौकाने वाले तत्थयों को सामने लाती है. यह रिपोर्ट बताती है कि तीस्ता सीतलवाड़ और उनके साथी मिलकर किसी मानवता के लिए काम नहीं बलकि एक राजनीतिक उद्देश्य और मनसूबे के लिए काम कर रहे थे.

इस मनसूबे के दो उद्देश्य थे प्रथम जनता द्वारा चुनी गई सरकार को अस्थिर करना और उसे बर्खास्त करना था. दूसरा मासूम लोग जैसे प्रधानमंत्री मोदी जी जिनका नाम 2002 के दंगे में शामिल किया गया उनको फसाया जा सके ताकि बीजेपी के उभरते नेता जो देश को आगे ले जा सकते थे उनकी छवी खराब कि जा सके. आगे बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा यह केवल राजनीतिक साजिश नहीं बलकि गुजराज को कैसे बदनाम किया जाए इसको लेकर भी साजिश थी.

बीजेपी के प्रावक्ता ने आगे कहा की इस षडयंत्र में कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल शामिल थे लेकिन वो तो मात्र के जरिया थे असल में इस षडयंत्र की साजिश कर्ता तब की कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी थी जिनके कहने पर यह किया गया. सोनिया गांधी ने षडयंत्र तहत नरेंद्र मोदी जी को बदनाम करने और उनकी सरकार को निष्काशित करने कि कोशिश की.

कांग्रेस का बीजेपी को जवाब

कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा जब भी गुजरात का चुनाव आता है भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी जी और उनका इकोसिसटम नई-नई थ्योरी लाता रहता है. पिछले चुनाव में अचानक उनको इकोसिसटम बोलता है कि जंगपुरा में एक षडयंत्रकारी बैठक हुई है जिसमें देश के पूर्व जनरल दीपक रावत, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और समाज के प्रभुत्व लोग समेत पाकिस्तान शामिल हुआ है ताकि मोदी जी को हराया जा सके.


बीजेपी इस प्रकार की निम्न तरह की थ्योरी गढ़ती है. चुनाव के बाद मोदी जी को संसद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इसके लिए माफी मांगनी पड़ी थी. एक बार फिर चुनाव आया है फिर से वही थ्योरी शुरु हो गई है. बीजेपी कभी अंसारी जी तो कभी अहमद पटेल का नाम लेना शुरु कर दिया है.

जिस एसआईटी ने मोदी जी को क्लीन चिट दी थी उसके अध्यक्ष राघवन जी को बीजेपी ने क्यों अब सम्मानित किया है. उनके रिटायरमेंट के इतने साल बाद उन्हे राजदूत बनाने की जरुर क्यों पड़ी. मोदी जी को क्यों हर बार मुस्लिम नेता का नाम या हिंदु-मुसलमान की जरुरत पड़ती है.

क्या उन्होंने आठ साल में कोई काम नहीं किया है जो जनता को दिखा सकें. अगर कांग्रेस ने बीजेपी की तरह राजनीतिक तरीका उस समय काम किया होता तो मोदी जी मुख्यमंत्री नहीं रह पाते और वहीं होते जहां आपको होना चाहिए था. लेकिन कांग्रेस इस तरह की राजनीति में विश्वास नहीं रखती है.

अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल की सफाई

इस मामले पर अहमद पटेल (Ahmed Patel) की बेटी मुमताज पटेल (Mumtaj Patel) ने सफाई देते हुए कहा है कि ये एक राजनीतिक षडयंत्र है जो गुजरात चुनाव से पहले किया जा रहा है. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं ताकि विपक्ष की छवि को खराब किया जा सके.

उन्होंने कहा कि मेरे पिता के खिलाफ उस समय किसी भी प्रकार की कार्रवाई क्यों नहीं की गई. उन्होंने कहा कि उनके पिता का नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होने आगे कहा यूपीए सरकार (UPA Government) के दौरान तीस्ता को कोई सम्मान क्यों नहीं दिया गया, राज्यसभा का सदस्य नहीं बनाया गया और केंद्र ने 2020 तक मेरे पिता पर इतनी बड़ी साजिश रचने के लिए मुकदमा क्यों नहीं चलाया?

हलफनामे में एसआईटी (SIT) ने तीस्ता की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अभी जांच चल रही है, ऐसे में वो गवाह को डरा धमका सकती है और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकती हैं। इस वजह से उन्हें ज़मानत नहीं देनी चाहिए।

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