Britain Political Crisis: खतरे में जॉनसन बोरिस की सरकार, देना पड़ सकता है इस्तीफा

 

Boris Johnson Govt: ब्रिटेन (Britain) में इस वक्त राजनीतिक भूचाल आया हुआ है जहां सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने में असफल हो रही हैं. साल 2019 में मध्यावधि चुनाव हुए थे जिसमें कंजरवेटिव पार्टी (Conservative Party) के उम्मीदवार बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) को जीत मिली थी लेकिन उनकी सरकार में स्वस्थ मंत्री साजिद जाविद (Sajid Javid) और वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने इस्तीफा दे दिया है. ऋषि सुनक (Rishi Sunakऔर साजिद जाविद (Sajid Javidके साथ बिम अफोलामी ने कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) के उपाध्यक्ष पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया है. इसके अलावा एंड्र्यू मॉरिसन ने ट्रेड राजदूत से इस्तीफ़ा दे दिया है. मंत्रालय के सहयोगी जोनाथन गुलिस और साक़िब भाटी ने भी अपना पद छोड़ दिया है. इस इस्तीफे के साथ ही अब सरकार खतरे में पड़ गई है.

अभी हाल ही में जॉनसन (Boris Johnson) सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव पास किया था लेकिन इन दो मंत्री के इस्तीफे से सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. सरकार में स्वस्थ मंत्री रहे साजिद जाविद (Sajid Javid) ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि मुझे खेद है कि आपके नेतृत्व में स्थिति बदलना मुश्किल है. आपने मेरा विश्वास खो दिया है. गौरतलब है कि ये पूरा मामला देश के एक सांसद से जुड़ा है

वहीं सरकार में  वित्त मंत्री रहे ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने भी इस्तीफा देते हुए ट्वीट कर लिखा कि जनता सरकार से यह सही अपेक्षा रखती है कि वह उचित और सक्षम तरीके से और गंभीरता से चले. सुनक ने ये भी कहा कि वो सरकार का साथ छोड़ने से दुखी हैं, शायद उनका यह आख़िरी मंत्री पद होगा. लेकिन काफी विचार विमर्श के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि अब सरकार से साथ नहीं रहा जा सकता है

मंत्रियों ने क्यों दिया बोरिस सरकार से इस्तीफा

बोरिश जॉनसन (Boris Johnson) से सिर्फ यह दो ही नही बलिक काफी सांसद पहले से ही नाराज चल रहे हैं इससे पहले 50 सांसदों ने बोरिश से इस्तीफा मांगा था क्योंकि उनपर कोरोनाकाल (Corona) में पार्टी करने का आरोप लगा था जिससे सांसद नाराज थे और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया था, हालांकि बोरिस संसद में अविश्वास प्रस्ताव को पास कर गए थे संसद में मैजूद 211 सांसदों में से 148 ने बोरिस (Boris Johnson)  के पक्ष में वोट किया था. इस बार बोरिस की मुश्किल और भी बढ़ गई है, बोरिस ने देश के सांसद क्रिस पिंचर (Chris Pincher) को प्रमोशन देकर अपने लिए मुसीबत मोल ली है.

क्रिस पिंचर को यौन दुराचार के मामले में पिछले हफ़्ते कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative) के सांसद से निलंबित कर दिया गया था. क्रिस पिंचर (Chris Pincher) पर आरोप है कि उन्होने नशे में लोगों के साथ गलत बर्ताव किया था. बोरिस ये सब जानते थे लेकिन फिर भी उन्हे प्रमोट किया था. पहले बोरिस सरकार ने जानकारी न होने कि बात कही थी और बाद में फिर क्रिस पिंचर के व्यवहार को स्वकार कर लिया, इस मामले में पीएम बोरिस जॉनसन के रूख पर भी सवाल खड़े किए गए थे. हालांकि बोरिस जॉनसन ने सांसद क्रिस पिंचर (Chris Pincher)  को सरकारी ज़िम्मेदारी देने के मामले में बाद में माफ़ी भी मांगी है. ब्रिटेन (Britain)  में अब बोरिस से इस्तीफे की मांग तेज हो गई है.

क्या जॉनसन को देना पड़ सकता है इस्तीफा

यह पहली बार नहीं है कि विपक्ष के बजाय अपनी ही पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांगा हो, पूर्व में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रहीं थेरेसा मे (Theresa May) को भी पार्टी में वोटिंग का सामना करना पड़ा था. वह जीत गई थीं लेकिन छह महीने में ही ब्रेग्ज़िट के कारण इस्तीफ़ा देना पड़ा था. वह 2016 से लेकर 2019 तक ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रहीं थी. जॉनसन पर सिर्फ एक ही आरोप नहीं हैं. जॉनसन जब से सरकार में आए हैं लगातार किसी न किसी विवाद में फसे रहें हैं. पहले कोरोनाकाल में जब देश परेशान था तो वह अपना जन्मदिन बना रहे थे जिसकी वहज से ब्रिटेन की पुलिस ने उनपर जुर्माना भी लगाया था. जॉनसन पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होने खुद देश का कानून तोड़ा था. पार्टी करने के बाद एक विवादित सांसद को सरकार में बिना किसी के सलाह के प्रामोशन दे दिया और साथ ही उनके नेतत्रत्व में हाल ही में हुए उपचुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. इन सब बातों को देखते हुए पार्टी के नेताओं में उनके नेतत्रत्व में सरकार चलाने को लेकर संतोषजनक स्थिति नही है इसलिए उनकी पार्टी के ज्यादातर नेता उन्हे प्रधानमंत्री पद छोड़ने के लिए अब मजबूर कर रहें हैं. ऐसा होना संभव भी यह यदि अगले कुछ दिनों में सरकार के कुछ मंत्री इस्तीफा दे देते हैं जिसपर मंत्री विचार भी कर रहे हैं.

क्या ब्रिटेन में फिर से होगा चुनाव

कंजरवेटिव पार्टी (Conservative) ने 2019 में जॉनसन बोरिस (Boris Johnsonको अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाया था जिसमें वह पूर्ण बहुमत की लाने में सफल हुए थे. चुनाव में कर्जवेटिव पार्टी (Conservative) को 365 सीट हासिल हुई थी वहीं लेबर पार्टी (Labour Party)को 202 सीटें मिली थी उसके अलावा एसएनपी (SNP) को 48 और लिबरल डेमोक्रेट्स (Liberal Democrats) को 11 सीट मिली थी. ब्रिटेन में कुल सीट है 650 ( इंग्लैड-533, स्कॉटलैंड-59, वेल्स-40, नॉर्टर्न आयरलैंड-18) जिसमे सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 326 सीटों का जादुई आंकड़ा छूना होता है. इस सीटों की गणित के हिसाब से जिन 50 सांसदों ने पहले ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है उसके साथ यदि और भी सांसद बढ़ जाते हैं और वह अपना समर्थन सरकार से वापस लेते हैं तो पार्टी के पास चुनाव में जाने के अलावा कोई और रास्ता नही बचेगा. आपको बता दें की ब्रिटेन (Britain) में भी भारत जैसी संसद है जिसे हॉउस ऑफ कॉमन्स (House of commons) कहते हैं इस संसद के सभी सदस्य जनता द्वारा चुनकर आते हैं. ब्रिटेन (Britain) की संसद भारत की संसद जैसे ही चलती है.  


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