Mohammed zubair alt news: मोहम्मद जुबैर को सता रहा अपनी जान का खतरा, पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
Mohammed zubair alt news: ऑल्ट न्यूज़ (alt news) के को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर (Mohammed zubair) को कथित तौर पर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. आलम ये हो गया है कि अब पत्रकारों (Journalist) को अपनी सुरक्षा की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट (Suprem Court) का दरवाज़ा खटखटाना पड़ रहा है. सवाल उठ रहा है कि क्या इन दिनों पत्रकारिता का रास्ता जेल से होकर गुज़र रहा है. सरकार से सवाल करने वाले पत्रकारों को कब कौन कैसे दबोच ले ये किसी को नहीं पता. झूठी धाराओं में फंसाकर महीनों जेल में बंद रखे. सत्ता से सवाल पूछने वाले पत्रकारों के सर पर हर तरफ खतरे की घंटी मंडराती रहती है.
एक तरफ
एक पत्रकार रोहित रंजन (Rohit Ranjan) को जेल से छुड़ाने के लिए ऐड़ी-चोटी का ज़ोर लगाया जाता है
और दूसरी तरफ एक पत्रकार को 4 साल पुराने एक ट्वीट के मामले में
जेल भेज दिया जाता है. इन दिनों हालात ऐसे हो गए हैं कि जो पत्रकार सत्ता से सवाल
कर रहा है उसे जेल जाना पड़ रहा है और जो पत्रकार सत्ता की जी हुज़ूरी कर रहा है
उसे बचाने के लिए पुलिस को भेजी रही है.
मोहम्मद ज़ुबैर को मिल रही है जान से मारने कि धमकी
ऑल्ट न्यूज़ (alt news) के को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर (Mohammed zubair) को कथित तौर पर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. जिसके मद्देनज़र ज़ुबैर (zubair) ने अपनी सुरक्षा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Suprem court) का रुख किया है. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी अर्ज़ी को स्वीकार कर लिया है और शुक्रवार को यानी कल सुनवाई का फैसला लिया है. नरसिंहानंद सरस्वती समेत कई लोगों को नफरत फैलाने वाला बताते हुए मोहम्मद जुबैर (Mohammed zubair) ने एक ट्वीट किया था, जिस पर यूपी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जेके माहेश्वरी ने इस पर कल सुनवाई का फैसला लिया है. मोहम्मद जुबैर के वकील कोलिन गोंजाल्विस ने अदालत में पक्ष रखते हुए कहा कि मेरे मुवक्किल को हत्या करने की धमकियां मिल रही है. ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिहाज़ से इस पर सुनवाई करना जरूरी है.
मोहम्मद
जुबैर के वकील आगे बताया है कि, 'अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी को खारिज
कर दिया गया था. उन्हें मारने की धमकियां मिल रही हैं और उनके विरोधी उनकी हत्या
भी कर सकते हैं. ऐसे में इस मसले पर तुरंत सुनवाई करने की ज़रूरत है क्योंकि हम
उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. आपको बता दें इससे पहले जुबैर ने
एफआईआर को रद्द कराने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया था,
लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई थी.
इलाहाबाद
हाई कोर्ट ने 13 जून को जुबैर के खिलाफ दर्ज केस को
खारिज करने से इनकार कर दिया था. यूपी पुलिस ने जुबैर के एक ट्वीट को लेकर उन पर
मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें उन्होंने यति नरसिंहानंद,
बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को नफरत फैलाने वाला बताया
था. यूपी पुलिस ने मोहम्मद जुबैर के खिलाफ सेक्शन 295A के तहत एफआईआर दर्ज की है. उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत
करने और एक समुदाय की आस्था का अपमान करने का आरोप लगाया गया है. वहीं ऑल्ट न्यूज़
के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी पर जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने भारत
के लोकतंत्र पर तंज़ किया है.
जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने भारत के लोकतंत्र पर कसा तंज़
दरअसल बुधवार को जर्मन विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मोहम्मद ज़ुबैर (Mohammed zubair) की गिरफ़्तारी पर सवाल पूछा गया था. इसके जवाब में जर्मन विदेश मंत्रालय ने कहा कि ''भारत ख़ुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहता है. ऐसे में उससे लोकतांत्रिक मूल्यों जैसे- अभिव्यक्ति और प्रेस की आज़ादी की उम्मीद की जा सकती है. प्रेस को ज़रूरी स्पेस दिया जाना चाहिए. हम अभिव्यक्ति की आज़ादी को लेकर प्रतिबद्ध हैं. दुनिया भर में प्रेस की आज़ादी का हम समर्थन करते हैं. यह ऐसी चीज़ है, जिसकी काफ़ी अहमियत है. और यह भारत में भी लागू होता है.
स्वतंत्र रिपोर्टिंग किसी भी समाज के लिए बेहद ज़रूरी है. पत्रकारिता पर पाबंदी चिंता का विषय है. पत्रकारों को बोलने और लिखने के लिए जेल में नहीं डाला जा सकता है.''. आपको बता दें मोहम्मद ज़ुबैर (Mohammed zubair) की गिरफ़्तारी पर संयुक्त राष्ट्र ने भी 29 जून को विरोध जताया था और कहा था कि पत्रकार क्या लिखता है, क्या ट्वीट करता है और क्या बोलता है, इसके लिए उसे जेल में नहीं डाला जा सकता. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरस के प्रवक्ता ने कहा था कि पत्रकारों को बोलने और लिखने के लिए प्रताड़ित नहीं किया जा सकता है. खैर आप इस मामले पर क्या राय रखते हैं हमें कमेंट करके बता सकते हैं.
ये भी पढ़ें:-
Kaali Controversy: काली विवाद के बाद अब लीना मणिमेकलई ने शिव और ‘पारवती को सिगरेट’ पीता दिखाया
https://samacharlekhan.blogspot.com/2022/07/kaali-controversy.html
Mahua Moitra News: महुआ मोइत्रा का देवी "काली" पर बयान क्या एक और विवाद को जन्म दे रहा है, पढ़िए पूरा मामला
https://samacharlekhan.blogspot.com/2022/07/mahua-moitra-news.html
.jpg)
Comments
Post a Comment