Ayodhya Ram Mandir Corruption: भाजपा नेताओं ने कर डाली राम नाम पर लूट, अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा सूची जारी करने को बताया भ्रामक खबर, क्या है पूरा मामला पढ़िए
Ayodhya Ram Mandir Corruption: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का
निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, क्योंकि कहा जा रहा है 2024 में बीजेपी इसे फिर
से चुनावी मुद्दा बना सकती है. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी खुद कई
बार अयोध्या पहुंच कर राम मंदिर के विकास कार्यों का जायजा ले चुके हैं. इतनी
चौकसी बरतने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ. बईमानी करने वालों ने राम के नाम पर भी
लूट कर डाली.
जिस बीजेपी ने राम के नाम पर अपनी
राजनीति चमकाई अब वही इनके लिए गले की फांस न बन जाए, क्योंकि राम के नाम पर लूट
करने वाले कोई और नहीं बलकि बीजेपी के ही नेता हैं. दरसल सोशल मीडिया पर एक सूची
वायरल हुई जिसमें अयोध्या विकास प्राधिकरण ने 40 ऐसे लोगों कि सूची जारी की है
जिनपर आरोप है कि इन लोगों ने राम मंदिर के आसपास की जमीनों पर गलत तरीके से प्लाटिंग
करने का काम किया है.
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| Source: Social Media |
जिन जमीनों पर प्लाटिंग कि जा रही
है वह जमीन ग्रीन बेल्ट एरिया है यानि जिसपर किसी भी तरीके का निर्माण कार्य नहीं
किया जा सकता है. इस सूची में राम मंदिर ट्रस्ट के मेंबर अनिल मिश्रा, भाजपा के
मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ और भाजपा के मौजूदा नगर
विधायक वेदप्रकाश गुप्ता का नाम शामिल हैं.
इसको लेकर राजनीतिक पार्टी
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर दी लेकिन अब अयोध्या विकास
प्राधिकरण के वी.सी विशाल सिंह ने बताया है कि हमने कोई सूची जारी ही नही कि है यह
मीडिया द्वारा भ्रामक खबर फैलाई जा रही है. हालाकि वी.सी ने यह जरुर कहा है कि
अवैध कॉलोनियों का चिन्हित किया जा रहा है जैसे ही चिन्हीकरण हो जाए हम जरुर
बतांएगे.
क्या है जमीन से जुड़े घोटले का
पूरा मामला
यह मामला जून 2021 में प्रकाश में
आया था जिसमें राम मंदिर से कुछ ही दूरी पर एक जमीन ट्रस्ट के पैसों से खरीदी गई
थी. सरकारी सर्कल मूल्यों के अनुसार उस जमीन की कीमत 5.80 करोड़ थी, लेकिन जमीन को
कम कीमत पर उस वक्त दो करोड़ में एक शख्स के द्वारा खरीदा गया. इसी जमीन को उस शख्स ने बाद में राम मंदिर ट्रस्ट को
18.5 करोड़ में बेच दी. यह मामला खुलने के बाद समाने आया कि इस जमीन को सिर्फ 10
मिनट में खरीदा और बेचा गया था. इस खरीद को लेकर एक और दावा किया गया कि यह सब कुछ
ट्रस्ट के सभी मेंबरों के संज्ञान में लाए बगौर किया गया. राजनीतिक पार्टियों ने
उस वक्त इसका विरोध किया था लेकिन सरकार की ओर से कुछ खास कदम नही उठाया गया था.
अब जमीनों की खरीद में घोटालों को
लेकर भाजपा के अयोध्या से सांसद लल्लू सिंह ने भी चिट्ठी लिखकर सीएम योगी को इस
घोटाले से अवगत कराया है. इसी के ठीक बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण ने भी गलत तरीके
से जमीनों को खरीदने की बात कहते हुए 40 लोगों की सूची जारी कि है जो इसमें आरोपी
पाए गए हैं.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने घोटले
पर भजपा को घेरा
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद
और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले
एक वर्ष से अधिक समय से मै चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा था कि अयोध्या में प्रभु श्री
राम के मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में हजारों करोड़ का भूमी घोटाला हो रहा है, और
इस खेल में भाजपा के बड़े-बड़े नेता शामिल हैं लेकिन बार-बार कहने के बावजूद
मुकदमें मुझ पर लिखे जाते रहे, राष्ट्रद्रोह मेरे ऊपर लगाया जाता रहा, कुल 23
एफआईआर मुझ पर किए, लेकिन जिनपर मै कार्रवाई की मांग करता रहा ऊनपर कोई कार्रवाई
नही की गई.
Senior AAP leader & Rajya Sabha Member @SanjayAzadSln addressing an important press conference | LIVE https://t.co/k6kMYhZBAT
— AAP (@AamAadmiParty) August 8, 2022
वहीं कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता
सुप्रिया श्रीनेत ने भी सरकार पर हमला करते हुए कहा राम नाम की
लूट है लूट सके तो लूट, हमे लगता था कि यह भारत की संस्कृत और हमारी आस्था से जुड़ी
बात है, लूट की जो बात है वह भागवान राम के जो पर्याय है उनकी थी, हमको बचपन से
लगता था कि राम नाम की लूट उनके मूल्यों को लूटने की बात थी, लेकिन भाजपा के लोगों
को लगा कि यह राम के नाम पर अपनी तिजोरी भरने, जमीनों की धांधली करने को राम नाम
की लूट कहते हैं.
LIVE: Congress Party Briefing by @SupriyaShrinate at AICC HQ. #राम_नाम_की_लूट https://t.co/RUp3EKggaZ
— Congress (@INCIndia) August 8, 2022
सांच को आंच नही है आज भाजपा को भी मानना पड़ा की उनके
नेता, विधायक, मेयर, अधिकारी सब जमीन के घोटाले में शामिल हैं. आगे सुप्रिया ने
कहा दलितों की जमीन, जो
खरीदी नहीं जा सकती थी,
वो हड़पी गई है। महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट की बेची हुई जमीन, दलितों से
जमीन खरीदते वक्त अनियमितताओं की जांच भी,
वही अधिकारी कर रहे हैं,
जिनके रिश्तेदारों ने जमीन खरीदी है
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