Amarnath Incident: बादल फटने से अमरनाथ यात्रा में 16 की मौत, 45 घायल और 40 लापता

अमरनाथ हादसा: अमरनाथ (Amarnath) के दर्शन करने गए 16 श्रद्धालुओं की बादल फटने से मौत हो गईलगभग 40 लोग अभी-भी लापता बताए जा रहे हैं और 45 लोग गंभीर रुप से घायल हैं. हादसा शुक्रवार को शाम 5:30 बजे अमरनाथ (Amarnath) गुफा के करीब हुआ. आईटीबीपी (ITBP) और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें मौके पर मौजूद है. शुक्रवार देर रात तक बचाव कार्य चलता रहा और शनिवार की सुबह फिर से राहत बचाव का काम जारी है.

इस हादसे पर देश के प्रधानमंत्री (Narendra Modi) से लेकर राष्ट्रपति (Ram Nath kovind) तक सभी ने शोक जताया है
. राष्टपति ने शोक जताते हुए लिखा मै यह जानकर काफी दुखी की अमरनाथ के पास बादल फटने से कई लोगों की जान चली गई, मेरी उन परिवार वालो के साथ पूरी संवेदना है, जो लोग फसे हुए हैं उन्हे बचाने का कार्य तेजी से चल रहा हैं, मै कामना करता हूँ की यात्रा जल्द से जल्द शुरु हो


प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने भी इस हादसे पर अपना शोक व्यक्त किया और लिखा " अमरनाथ (Amarnath) के पास बादल फटने से काफी दुखी हूँ, परिवारों के साथ मेरी पूरी संवेदना है, मैने मनोज सिन्हा जी से बात कि परिस्थियों का जायजा लिया, राहत बचाव का कार्य अभी चल रहा है और प्रभावितों को जो भी जरुरी मदद हो पहुचाई जाएगी" 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath sing) ने ट्वीट कर बताया कि भारतीय सशस्त्र बल नागरिक एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है और  इस त्रासदी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव अभियान चला रही है. अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से हुए अमूल्य जीवन के नुकसान से गहरा दुख हुआ है. घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें.

वहीं राहत बचाव कार्य में लगे जवानों के काम को श्रद्धालुओं ने खूब सराहा है जिसका एक विडियों न्यूज एजेंसी ANI ने ट्वीट कर साझा किया है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कन्ट्रोल रुम बनाकर हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं. जम्मू पुलिस लगातार इस हासदे पर लोगों तक सूचना पहुंचा रही है और उनके परिजनो से संपर्क भी करी है.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी और मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, 181 डायल पर संपर्क कर सकते हैं. मध्य प्रदेश के बाहर से फोन लगाने वाले 07552555582 डायल कर सकते हैं.

अमरनाथ यात्रा करने के लिए हर साल यात्री हजारों की संख्या में जाते हैं प्रशासन भी इसकी पूरी तैयारी करता है लेकिन अमरनाथ पहाड़ी क्षेत्र में पड़ता है जिसके कारण वहां बादल फटना या पहाड़ों का गिरना बहुत आम बात है फिर भी श्रद्धालु अपनी जान को जोखिम में डालकर वहां जाते हैं क्योंकि उनकी बाबा अमरनाथ में बहुत आस्था है ऐसे ही इंस्पेक्टर थे सुनील खत्री हर साल अमरनाथ यात्रा करने कि सोचते थे लेकिन डयूटी के कारण कभी जा नहीं पाते थे. 30 जून को इंस्पेक्टर सुनील खत्री रिटायर्ड हुए थे और उन्होने इस बार बाबा के दर्शन करने का विचार किया. सुनील दर्शन के लिए गए भी लेकिन घर वापस नहीं लौट पाए. सुनील भी इस हादसे का शिकार हो गए.


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